सरकारी जमीन पर न्यू इंग्लिश स्कूल का बेकायदेशीर कब्जा: जनता ने किया विरोध

सरकारी जमीन पर न्यू इंग्लिश स्कूल का बेकायदेशीर कब्जा: जनता ने किया विरोध


चंद्रपुर: नागपुर रोड पर स्थित दर्गा के सामने गट क्रमांक 460, प्लॉट क्रमांक 4 की कुल 2,08,995 वर्ग फुट जमीन में से 1,13,995 वर्ग फुट जमीन सरकार ने जनता के लिए खुली जगह के रूप में आरक्षित की है। इस जगह को सार्वजनिक उपयोग के लिए रखा गया है। लेकिन हाल ही में न्यू इंग्लिश स्कूल द्वारा इस आरक्षित जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने और दीवार निर्माण का प्रयास किया जा रहा है।


94,000 वर्ग फुट पर पहले से है शासकीय इमारतें

उक्त प्लॉट के दक्षिण दिशा में 94,000 वर्ग फुट जमीन पहले ही न्यू इंग्लिश स्कूल के मैदान के नाम पर भाड़े पर दी गई थी। वर्तमान में इस जगह पर PWD क्वार्टर, महानगर पालिका की इमारत और संजय गांधी मार्केट की इमारतें स्थित हैं। बावजूद इसके, न्यू इंग्लिश स्कूल के लोग शेष आरक्षित जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।


दीवार निर्माण से रास्ता बाधित

दर्गा के सामने स्थित इस खुली जमीन पर स्कूल प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से दीवार बनाने का कार्य शुरू किया गया। यह दीवार दर्गा के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने बनाई जा रही है, जिससे जनता का आना-जाना बाधित हो रहा है। इस बेकायदेशीर कार्य के खिलाफ 21 जनवरी 2025 को स्थानीय नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किया।




कोई वैध अधिकार नहीं

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस आरक्षित जमीन पर न्यू इंग्लिश स्कूल का कोई अधिकार नहीं है। स्कूल प्रशासन ने न तो निर्माण के लिए कोई वैध आदेश लिया है और न ही कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है। नागरिकों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन जनता और न्यायालय को भ्रमित करके सरकारी जमीन पर कब्जा करना चाहता है।




सरकारी जमीन पर कब्जे का आरोप

स्थानीय निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि न्यू इंग्लिश स्कूल चंद्रपुर में कई अन्य सरकारी जमीनों पर इसी प्रकार कब्जा कर चुका है। शाळेच्या मैदान के नाम पर सरकारी जमीनें हड़पने का यह प्रयास जनता के अधिकारों का हनन और कानून का उल्लंघन है।

जनता की मांग: 

अवैध निर्माण रोका जाए स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन और संबंधित विभागों से मांग की है कि न्यू इंग्लिश स्कूल के इस बेकायदेशीर निर्माण को तुरंत रोका जाए। नागरिकों का कहना है कि अगर यह कार्य नहीं रोका गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

यह मामला जनता और प्रशासन दोनों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। सरकार से अपेक्षा है कि वह इस मामले में जल्द उचित कार्रवाई करे और जनता के लिए आरक्षित जगह को अवैध कब्जे से बचाए।

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