अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट निराशाजनक: 19.3% अल्पसंख्यकों के लिए मात्र 0.0661% आवंटन

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट निराशाजनक: 19.3% अल्पसंख्यकों के लिए मात्र 0.0661% आवंटन



दिल्ली: 1-2-2025 को भारत सरकार द्वारा संसद में वर्ष 2025-26 का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने पेश किया। इस वर्ष का बजट 5065345 करोड़ है जो कि पिछले साल के संशोधित अनुमान से लगभग 7.39% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट मात्र 3350.00 करोड़ है जो कि कुल बजट का 0.0661% लगभग है।  पिछले साल 2024-25 में 3183.24 करोड़ था।
केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट में कमी की गयी है जोकि निम्न हैं:
प्री मेट्रिक छात्र वृत्ति स्कीम में पिछले बजट अनुमान से 130.46 करोड़ की कमी, पोस्ट मेट्रिक स्कीम में 731.39 करोड़ की कमी, मेरिट कम मीन्स स्कीम में 26.46 करोड़ की कमी, मौलाना आज़ाद फ़ेलोशिप स्कीम में 2.24 करोड़ की कमी, इन्टरेस्ट सब्सिडि में 7.14 करोड़ की कमी, UPSC की तयारी स्कीम में शून्य 00 प्रावधान, कुल शिक्षा सशक्तिकरण क्षेत्र में 897.49 करोड़ की कमी की गयी।

पीएम विरासत का संवर्धन स्कीम में 17 करोड़ की बढ़ोतरी,  अल्पसंख्यको और मदरसा के लिए शैक्षणिक योजना में 1.99 करोड़ की कमी,  , पीएमजेवीके में 1003.97 करोड़ की बढ़ोतरी प्रस्तावित की गयी है। इस सरकार का सबसे ज़्यादा ज़ोर स्किल डेव्लपमेंट पर रहता है, इस मद में मात्र 3 करोड़ का आवंटन किया गया है।

क़ौमी वक़्फ़ बोर्ड तरक्कीयाती स्कीम, स्किल डेव्लपमेंट इनिशिएटिव योजना, नई मंज़िल योजना, अल्पसंख्यक महिलाओं के नेतृत्व विकास योजना, उस्ताद स्कीम में, नयी मंज़िल स्कीम, हमारी धरोहर स्कीम, मौलाना आज़ाद फ़ाउंडेशन जैसी योजनाएँ बंद कर दी गयी। 
ये दिखाता है कि सरकार अल्पसंख्यक समाज के साथ भेदभाव कर रही है सरकार नहीं चाहती कि भारत का अल्पसंख्यक समाज विकास के पथ पर बढ़ सके। सरकार का सबका साथ सबका विकास का नारा खोखला साबित हुआ है। अल्पसंख्यक समाज के साथ दोहरा रवैया सरकार की विफलताएं छुपाने वाला बजट है।
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