- शहडोल में आपस में जुड़े हुए जुड़वा बच्चों का जन्म
- रविवार शाम को जन्में, अभी चिकित्सा देखरेख हैं
- रीवा या जबलपुर अस्पताल किया जा सकता है रेफर
शहडोल: शासकीय बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया है। आश्चर्यजनक रूप से दोनों ही बच्चों का शरीर आपस में जुड़ा हुआ है। रविवार की शाम सात बजे बच्चों का जन्म हुआ और इसके बाद से ही वे चिकित्सकों की निगरानी में हैं। अनूपपुर जिले के कोतमा में रहने वाले रवि जोगी बच्चों के पिता और वर्षा (25) उनकी माता हैं।
4 पैर, 4 हाथ, दो सिर पैदा हुए जुड़वा बच्चे पेट में आपस में जुड़े हुए हैं, इनके चार पैर, चार हाथ, दो सिर सभी अंग हैं, जबकी पेट से आपस में जुड़े हुए हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डा. निशांत प्रभाकर ने बताया कि बच्चों के जन्म लेने के उपरांत से ही उन्हें सीएमसी में भर्ती किया गया है, जहां उन्हें उपचार दिया जा रहा है। इधर बच्चों को रीवा या जबलपुर रेफर करने की तैयारी चल रही है।
लाखों में एक होते हैं जुड़े हुए जुड़वा बच्चे
रिपोर्ट्स के अनुसार कंजॉइन्ड ट्विन्स वे बच्चे होते हैं जो तब जन्म लेते हैं जब भ्रूण का पूर्ण विभाजन नहीं होता, जिससे वे शरीर के कुछ हिस्सों को साझा करते हैं। ये जुड़वां बच्चे बहुत दुर्लभ होते हैं, और डॉक्टरों का अनुमान है कि 200,000 जीवित जन्मों में से केवल 1 में जुड़वां बच्चे होते हैं।
जुड़े हुए जुड़वां बच्चे भी कई प्रकार होते हैं जैसे-
थोरैकोपैगस: ऊपरी छाती से निचली छाती तक जुड़े होते हैं और आमतौर पर एक दिल साझा करते हैं।
थोरैको-ओम्फालोपेगस: ऊपरी छाती से निचले पेट तक जुड़े होते हैं, इनमें हमेशा एक दिल होता है।
ओम्फालोपेगस: निचले पेट में जुड़े होते हैं, दिल साझा नहीं करते, लेकिन यकृत और पाचन तंत्र साझा कर सकते हैं।
परजीवी जुड़वां: इनमें एक जुड़वां छोटा और कम विकसित होता है, जो बड़े जुड़वां पर निर्भर रहता है।
क्रैनियोपैगस: खोपड़ियां जुड़ी होती हैं, लेकिन शरीर अलग होते हैं।
Tags
देश - दुनिया