*7 वर्षीय बालक को तेंदुए ने बनाया शिकार,वनमंत्री के जिले में जा रही लोगों की जान* A leopard kills a 7-year-old boy, people are losing their lives in the forest minister's district

7 वर्षीय बालक को तेंदुए ने बनाया शिकार,वनमंत्री के जिले में जा रही लोगों की जान


चंद्रपुर जिले में मानव वन्य जीव संघर्ष की घटना दिन ब दिन बढती जा रही है। शुक्रवार 20 सितंबर को मुल तहसील के चिचोली गांव में 65 वर्षीय चरवाहे की बाघ के हमले में मौत के बाद अब शनिवार 21 सितंबर को सुबह 9.30 बजे दरम्यान 7 वर्षीय बालक को तेंदुए ने अपना शिकार बनाने की घटना सामने आयी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिनाडा गांव के लोगो का पुनर्वसन कर कोयना गेट के पास बसायी गयी बस्ती के स्कूल के पास शुक्रवार शाम 5.30 दरम्यान 7 वर्षीय बालक शौच के लिए गया था। तभी झाडीयों में छुपा तेंदुआ बालक को उठा कर ले गया। मामले की जानकारी वन विभाग को देने पर वन विभाग ने जांच मुहिम कल शाम से ही शुरु कर दी थी। लेकीन आज सुबह 9.30 बजे के दरम्यान बालक का शव कई टूकडों में मिला है। दुर्गापुर पुलिस को जानकारी मिलते ही पुलिस दल ने शव का पंचनामा कर जांच के लिए चंद्रपुर जिला सरकारी अस्पताल भेजा है। आगे की जांच दुर्गापुर पुलिस कर रही है।

दुर्गापुर, सीएसटीपीएस ताडोबा वन क्षेत्र से सटा हुआ है, बाघ, तेंदुए और भालू अक्सर वहां देखे जाते हैं, पिछले 3 वर्षों में अकेले दुर्गापुर क्षेत्र में जंगली जानवरों के हमलों के कारण लगभग 15 नागरिकों की मौत हो गई है, लेकिन कोई उपाय नहीं किया गया वन विभाग द्वारा इतने सालों में की गई कार्रवाई के बाद आज फिर ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना सामने आई।

इस क्षेत्र में वेकोलि कार्यालय है, वेकोली का कचरा वहां डंप किया जाता है, इसलिए सूअरों की संख्या में वृद्धि हुई है, शिकार की तलाश में जंगली जानवर इस क्षेत्र में आने लगे हैं , ऐसी चर्चा नागरिकों द्वारा की जा रही है।

चंद्रपुर के मुख्य वन संरक्षक, जो जिले में वन विभाग के प्रमुख हैं, का पद पिछले कुछ महीनों से खाली है और वन प्रशासन ने इस पद का अतिरिक्त प्रभार ताडोबा के मुख्य वन संरक्षक को दिया है। इसके चलते उन पर अतिरिक्त काम का बोझ है। ऊपर से ताडोबा महोत्सव, वनमहोत्सव, कास्ट डिपार्चर फेस्टिवल आदि कार्यक्रमों में ये व्यस्त रहते हैं। ऐसे में वन विभाग के प्रधान सचिव से लेकर वन विभाग के सभी छोटे-बड़े अधिकारी इन सभी कार्यक्रमों को अंजाम देने में लगे रहते हैं। ऐसे में आम नागरिकों, किसानों और पशुपालकों का मुख्य मुद्दा दरकिनार हो रहा है। आम नागरिकों में वन विभाग और वन मंत्री को लेकर नाराज़गी जताई जा रही है।

हाल ही में अबतक वन्य प्राणीयों के हमले में चिंचोली के देवाजी राऊत (64) का गुरुवार (19
तारीख) को बाघ के हमले मे निधन हो गया। इससे पहले गणपत मराठे (60, केळझर), मुनीम गोलावार (41, चिंचाळा), वासुदेव पेंदोर (60, मरेगाव), गुलाब वेळमे(52, जानाळा),
देवाजी राऊत (उम 64, चिंचोली) आदि की भी मृत्यु हो चुकी है। बोरचांदली के विनोद बोलीवर घायल हुए थे।
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