*28 सितंबर को जटपुरा गेट के पास नागपुर समझौते की होली*

28 सितंबर को जटपुरा गेट के पास नागपुर समझौते की होली

12 वर्ष से विदर्भ राज्य की मांग को लेकर आंदोलन शुरू
 
पत्रकार सम्मेलन में वि.रा.अ.स अध्यक्ष एड. चटप ने दी जानकारी


चंद्रपुर :- पिछले 12 वर्षों से विदर्भ के साथ अन्याय कर रहे नागपुर समझौते की होली 28 सितंबर को पूरे विदर्भ के जिला और तालुका स्तर पर मनाई जाएगी। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप ने श्रमिक  पत्रकार संघ में आयोजित प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी है।

एड. चटप ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य के गठन के 64 साल बाद भी सत्ता में बैठे शासकों ने नागपुर समझौते का पालन नहीं करने की सरकारी नीति अपना रखी है। बारहमासी नदियाँ, प्रचुर खनिज संपदा, असाधारण वन संसाधन और अत्यधिक कुशल जनशक्ति होने के बावजूद, विदर्भ की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है। विदर्भ को छोड़कर महाराष्ट्र के अन्य सभी संभागों को प्राकृतिक संसाधनों की आपूर्ति की जाती है। इसके कारण विदर्भ के लोगों को सिंचाई का बैकलॉग, बेरोजगारी, कम बिजली आपूर्ति जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आज तक कोई सकारात्मक समाधान नहीं निकाला गया।

विदर्भ में सिंचाई के लिए प्रस्तावित बांधों और काम शुरू होने के बाद भी अधूरी सिंचाई परियोजनाओं के कारण पूर्व और पश्चिम विदर्भ में कुल 14 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई नहीं हो पाई है। विदर्भ में सिंचाई का बैकलॉग 60 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। इसके साथ ही शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, विद्युतीकरण, आदिवासी विकास कार्यक्रम और सामाजिक कल्याण और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में बकाया भी 15 हजार करोड़ से अधिक हो गया है। इससे बढ़ती बेरोजगारी, गरीब किसानों, उनके परिवार के सदस्यों के आत्महत्या के लिए प्रेरित होने और नक्सली आंदोलन की ओर उनके रुझान बढ़ने की बेहद भयावह तस्वीर सामने आती है। विदर्भ में, कोयला आधारित बिजली उत्पादन का 87 प्रतिशत शेष महाराष्ट्र में उद्योगों, कृषि और सार्वजनिक उपयोग के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन विदर्भ में हमेशा अंधेरा रहता है क्योंकि इस क्षेत्र में कोई दैनिक आवश्यकता की चीजें नहीं हैं। विदर्भ में प्रदूषण की समस्या भी एक समस्या बन गई है, जिससे यहां के लोगों का स्वास्थ खतरे में है।

विदर्भ राज्य आंदोलन समिति पिछले 12 वर्षों से आंदोलन जारी रखे हुए है और विदर्भ राज्य की मांग को गति दे रही है। कपटपूर्ण नागपुर समझौते के 64 वर्ष बाद भी शासकों द्वारा समझौते को पूरा न कर पाने के कारण विदर्भ की जनता पर अन्याय का सिलसिला जारी है। एक निर्णायक समाधान खोजने के लिए और नई सरकार को एक गंभीर चेतावनी देने के लिए, मुद्दों की गंभीरता के बारे में लोगों को जागरूक करने शनिवार 28 सितंबर 2024 को विदर्भ के सभी जिलों ,तहसीलों के साथ शहर में जटपुरा गेट पर गांधी पुतले के सामने विदर्भ राज्य आंदोलन समिति द्वारा नागपुर समझौते होली जलाई जाएगी। ऐसी जानकारी एड. चटप द्वारा दी गई है।

पत्रकार सम्मेलन में वि.रा.आं.स. चे अध्यक्ष एड. वामनराव चटप, किशोर दहेकर, कपिल इद्दे, अंकुश वाघमारे, मितीन भागवत, सुदाम राठोड, अनिल दिकोंडवार, गोपी मित्रा, मुन्ना आवळे, मुन्ना खोब्रागडे, माकोडे, मारोतराव बोथले, रमेश नळे, मधु चिंचोलकर, पपीता जुनघरे, एड. रूपेश सुर, आनंदराव खर्डीवार इ. उपस्थित थे ।
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