*रामगिरी महाराज की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना आंदोलन* *समस्त मुस्लिम समाज चंद्रपुर की ओर से दिया गया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन.*

◼️रामगिरी महाराज की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना आंदोलन..

◼️समस्त मुस्लिम समाज चंद्रपुर की ओर से दिया गया जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन..



चंद्रपुर :- महाराष्ट्र के नासिक निवासी रामगिरी महाराज की ओर से पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई विवादित टिप्पणी का विरोध हो रहा है। महाराज के बयान को अनुचित और असंवैधानिक करार देते हुए देशभर में समुदाय विशेष के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में 27 अगस्त को जिलाधिकारी कार्यालय चंद्रपुर के सामने एक दिवसीय धरना आंदोलन में भी समस्त मुस्लिम समाज चंद्रपुर  के तत्वावधान में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध जताया। साथ ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। वहीं, रामगिरी महाराज को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की गई।



कई जगहों पर दर्ज की गई FIR

 देश भर में रामगिरि महाराज के खिलाफ FIR और धरना प्रदर्शन कर गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।  रामगिरि महाराज पर आरोप है कि जानबूझकर उन्होंने इस प्रकार की बातें कीं, जिससे 2 समुदायों के बीच तनाव पैदा हो।


अब तक नहीं हुई ठोस कार्रवाई

 शहर क़ाज़ी गुलाम नबी साहब ने कहा कि महाराष्ट्र व अन्य राज्यों से महाराज जी के उक्त कथन के विरोध में बहुत सी एफआईआर देशभर में दर्ज करवाई गई हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन और सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में हमारी मांग है कि पैगंबर पर अशोभनीय टिप्पणी करने वाले महाराज रामगिरी को गिरफ्तार किया जाए।



हज़रत टीपू सुल्तान विचारमंच के अमजद शेख ने कहा कि महाराष्ट्र के नासिक के रामगिरी महाराज ने पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में अपशब्द कहते हुए उनकी शान में गुस्ताखी की है, लेकिन आज तक महाराज की गिरफ्तारी नहीं की गई। सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि यदि कोई व्यक्ति, संस्था, धर्मगुरू किसी साम्प्रदायिक द्ववेश, सामाजिक सौहार्द्र, राष्ट्रीय एकता को खंडित करने वाला बयान देता है, तो संबंधित राज्य सरकार और जिले की पुलिस को किसी फरियादी का इंतजार नहीं करते हुए संबंधित के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार करना चाहिए। लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं हो रहा है। महाराष्ट्र सरकार उसे संरक्षण दे रही है। और मुख्यमंत्री का महाराज के समर्थन में बयान देना सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उलंघन है।
क्या सोचता है मुस्लिम समाज !

 धरना आंदोलन में पत्रकारों से बात करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि 2014 से देश मे लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही आये दिन भाजपा के लोग मुस्लिमों के धर्म और पैगम्बर पर अमर्यादित टिप्पणियाँ कर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने काम करते हैं,भीड़तन्त्र द्वारा मोब्लिंचिंग की जाती है मगर केन्द्र सरकार कोई करवाई नहीं करती आवाज़ उठाने पर उल्टा बेगुनाह मुसलिमों को जेल में डाल दिया जाता है।


हाल ही में मुफ़्ती सलमान अज़हरी साहब को जेल में डाल दिया गया है जबकि उनके बयान में किसी धर्म या जाति का कोई उल्लेख नहीं था वंही रामगिरि महाराज जैसे लोग खुले शब्दों में विवादित बयान देते है कुछ भाजपा के लोग मुस्लिमों को मारने काटने की बात खुले मंच से करते हैं परंतु कोई करवाई नहीं होती। देश की सारी सेक्युलर पार्टियों (सपा, कांग्रेस व इतर) को मुस्लिमों के वोट चाहिए मगर मुस्लिमों के हक़ की आवाज़ कोई नहीं उठाता है।कोई खुलकर मुस्लिमों का समर्थन नहीं करता है। बहुसंख्यक आबादी के वोट बैंक  के लिए अल्पसंख्यक आबादी के साथ नाइंसाफी की जाती है।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रवीणभाऊ पड़वेकर ने मुस्लिम समाज के धरना आंदोलन को अपना समर्थन जाहिर किया।


निवेदन देते समय  गुलाम अहमद रजा, मौलाना गुलाब नबी, हाफीज सैय्यद रियाज, मौलाना तहसीन रजा, मौलाना अबुल कलाम रजवी, मौलाना दिलशाद अहमद, हाफिज जावेद, गुलजार,अमज़द शेख,अज़हर शेख,सोहेल मुस्तफ़ाई,सय्यद रमज़ान घायल इत्यदि मौजूद थे।
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