*हाजी मर्डर केस की पूरी कहानी...* *हाजी को खबर थी कि उसकी हत्या की बनाई गई है योजना...*

 ◼️हाजी मर्डर केस की पूरी कहानी...

◼️हाजी को खबर थी कि उसकी हत्या की बनाई गई है योजना...


चंद्रपुर : चंद्रपुर के हाजी बाबा सरवर शेख हत्याकांड में आत्मसमर्पण करने वाले समीर शेख, श्रीकांत कदम, नीलेश उर्फ पिंटू ठगे, प्रशांत मालवेली, राजेश मुलकलवार के अलावा पुलिस ने एक और आरोपी नागपुर निवासी सुरेंद्र यादव को गिरफ्तार किया है। एक और आरोपी नागपुर निवासी किशोर चानोरे फरार है. आरोपियों के पास से तीन पिस्तौल, एक देसी कट्टा तथा तथा दो चाकू बरामद किए गए हैं। अदालत ने आरोपियों को पांच दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजा है।


शिकायतकर्ता शिवाजी गोनेवार ने अपने बयान में कहा है कि घटना के दिन दोपहर तीन बजे हाजी सरवर ने उसे अपने घर बुलाकर बताया था कि नागपुर के समीर शेख ने मेरी हत्या की योजना बनाई है. हाजी सरवर के अनुसार चंद्रपुर के नूर ने उसे यह जानकारी दी थी। शिवाजी के अनुसार हाजी सरवर ने ही उसे चंद्रपुर जाकर सच पता करने को कहा था। इसके बाद शिवाजी अपने साथी श्रीकांत चिट्टी को लेकर हाजी की गाड़ी क्रमांक एमएच 34 बीएफ 3623 से चंद्रपुर निकल गया। उधर हाजी, घुग्घुस निवासी निखिल उर्फ राकेश कुंटलवार को चंद्रपुर के जनता कॉलेज चौक पर दोपहर साढ़े तीन बजे मिला और वहां से वे दोनों नवीन तोटावार को गाड़ी में लेकर शाही दरबार होटल, विनवा गेट चले गए। शिवाजी के अनुसार शाही दरबार होटल पहुंचने के बाद श्रीकांत और हाजी होटल के अंदर गए। शिवाजी और राकेश सीढ़ियों के पास खड़े होकर नाश्ता लाने गए नवीन का इंतजार कर रहे थे। सफेद रंग की चौपहिया से आए आरोपी समीर, प्रशांत, राजेश, नीलेश के पास पिस्तौल थी, जबकि अन्य के पास चाकू थे। शिवाजी के अनुसार इन लोगों की फायरिंग में उसके पैर में दो गोलियां लगी। इसके बाद कुछ लोग 'चलो, जल्दी हाजी को टपकाना है,' कह कर होटल के अंदर घुस गए। गोलीबारी की आवाज के बाद हाजी की हत्या कर सभी लोग गाड़ी में बैठ कर सिस्टर कॉलोनी की ओर भाग गए।

हाजी हत्याकांड के बाद जिल्हे के पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को राजनीती और गुन्हेगारी की अनैतिक युती की याद आ गई है और उन्होने पुलिस को आवाहन किया है की अगर गुन्हेगार को छोडने या बचाने के लिये किसी भी राजनेता का फोन आता हो तो उसको रेकॉर्डिंग कर जनता के बीच सार्वजनिक कर दिया जाये पालकमंत्री के बयान काबिल ए तारीफ है लेकिन क्या प्रशासन इस पर अमल करेगा ये तो समय ही बताएगा।


जिले मे लडखडाती और लाचार कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने मे असफल पोलीस प्रशासन के साथ साथ जिले के पालकमंत्री की भी जवाबदेही होती है।


हर इंसान के दोस्त और दुश्मन होते है कुछ लोगो के लिए अगर हाजी डॉन और माफिया था तो कुछ लोगों के लिए मसीहा। हाजी के जनाज़े में आई भीड़ से उसकी प्रसिद्धि का अंदाजा लगाया जा सकता है उसे घुघुस के मुस्लिम कब्रिस्तान में दफनाया गया।
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