◼️चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाले जहरीले धुएं से नागरिक परेशान...
◼️प्रदूषण विभाग की अनदेखी सवालों के घेरे में !
चंद्रपुर : भारत में तीसरा सबसे बड़ा चंद्रपुर को सबसे प्रदूषित शहर के रूप में जाना जाता है। चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाला जहरीला धुआं और धूल नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए कई संगठनों द्वारा आंदोलन और बयान देने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है।
थर्मल पावर स्टेशन की चिमनी से दिन में काला धुआं निकल रहा है। इसे नजरअंदाज करने वाले इंजीनियर फिलहाल सालगिरह वसूली अभियान में लगे हुए हैं।
दूसरी ओर, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) इस मामले में पूरी तरह से निष्क्रिय है। जिले में कई परियोजनाओं, उद्योगों और खदानों ने प्रदूषण के स्तर को बढ़ा दिया है। एमपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। खुले में प्रदूषण होने पर भी आंखें मूंद ली जा रही हैं। चंद्रपुर जिला सबसे प्रदूषित जिलों में से एक होने के बावजूद, एमपीसीबी के अधिकारी यहां केवल दो दिनों के लिए मौजूद रहते हैं। ऐसे में प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई कौन करेगा? इस सवाल का सामना नागरिक कर रहे हैं।
इस विषय पर तत्काल ध्यान देना और निम्नलिखित उपाय करना आवश्यक है।
चंद्रपुर थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाले जहरीले धुएं और धूल को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी उपायों पर कार्य करने की जरूरत है।
प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी एमपीसीबी ?जिले में प्रदूषण के स्तर की नियमित जांच कर उसके अनुसार उपाय करना।प्रदूषण के प्रति नागरिकों में जागरूकता पैदा करना।
चंद्रपुर शहर के नागरिक साफ-सफाई और तुरन्त और स्वस्थ वातावरण पाने के लिए प्रभावी कदम उठाना जरूरी है। गंभीर स्थितियों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है एमपीसीबी द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए थर्मल पावर स्टेशन और अन्य प्रदूषक उद्योगों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं।
नागरिकों को प्रदूषण से बचाने के लिए और उनके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।
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