*गौशाला के नाम पर चल रहा गौतस्करी का व्यापार...* *राष्ट्रीय गऊ रक्षक संघ किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष हकीम शेख अब्दुल सत्तार ने की जांच कर कार्यवाई करने की मांग... *अवैध गौशालाओं पर कार्रवाई का पालकमंत्री, जिलाधिकारी चंद्रपुर को दिया गया निवेदन....*

 
 ◼️गौशाला के नाम पर चल रहा गौतस्करी का व्यापार... 

 ◼️राष्ट्रीय गऊ रक्षक संघ किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष हकीम शेख अब्दुल सत्तार ने की जांच कर कार्यवाई करने की मांग...

  ◼️अवैध गौशालाओं पर कार्रवाई का पालकमंत्री, जिलाधिकारी चंद्रपुर को दिया गया निवेदन.... 



चंद्रपुर :- गोडपिपरी तहसील के तोहोगांव में जंगल से सटे परिसर में बिना अनुमति के गौशाला शुरू की गई थी। इस गौशाला के मवेशियों की स्थिति दयनीय बनी है उनकी हालत को देखकर गौशाला के नाम पर व्यापार होने की बात कही जा रही है। इसलिए इस गौशाला की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर जानवरों को आजाद करने की मांग राष्ट्रीय गऊ रक्षक संघ किसान सभा के हकीम शेख अब्दुल सत्तार जी ने की है।


कुछ वर्ष पूर्व यह गौशाला कोठारी में बिना अनुमति रिहायशी बस्ती के बीच लगी थी। ग्रामीण ने ग्राम पंचायत से इसकी शिकायत की तो कार्रवाई के डर से गौरक्षक आनन फानन में तोहोगांव पहुंच गए। गौशाला के नाम पर इनकी व्यापारी प्रवृत्ती की तहसील भर में चर्चा है। समाजसेवा के नाम पर निजी रूप से गौशाला शुरू कर सीधा सीधा व्यवसाय किया जा रहा है। गौशाला में १५० के आस पास जानवर है किंतु उनका चारा, पानी, संरक्षण और स्वास्थ्य की उचित देखरेख नहीं की जा रही है। जहां पर मवेशियों को रखा जाता है वहां पर खुले आसमान के नीचे बारिश के कारण गुठनें गुठने कीचड दिखाई दे रहा है। इसकी वजह से यहां के जानवर किस प्रकार बैठ पाते यह तो गौशाला चलाने वाले ही बता सकते हैं।


गौशाला के नाम पर कितनी गायों को रखा जा सकता है। उनके देखभाल और चारा पानी के व्यवस्था की जिम्मेदारी गौशाला चालक को करनी होती है। किंतु गौशाला में गौसंवर्धन और उनकी देखभाल उचित तरीके से होना आवश्यक है। यदि वहां पर उनकी देखभाल न कर व्यापारिक दृष्टिकोण से रखा गया है तो वह गैरकानूनी है और गौशाला वालों पर महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम १९७६, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम १९६० की धारा ११ के अंतर्गत कार्रवाई अपेक्षित है। यहां के जानवरों की उचित देखभाल न होने से आधे से अधिक पशु बीमार दिखाई दे रहे है। कियूंकि उनकी उचित देखभाल नहीं हो रही है। वहां पर साफ सफाई नहीं है, बरसात के दिन होने के बावजूद बचाव के लिए शेड नहीं है। कीचड़ की वजह से मवेशी बैठ नहीं पाते रात भर खड़े रहते है। ऐसे गंभीर हालत में मवेशियों का क्या हाल होता है। लगातार कीचड़ में रहने की वजह से जानवरों की मौत हो रही है।




यदि समाजसेवा के नाम पर गौशाला चलाने वालों के पास अनुमति है तो क्या कोठारी में शिकायत किए जाने के बाद उन्हे भागकर गोडपिपरी तोहोगांव आना चाहिए क्या? ऐसा सवाल करते हुए इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग राष्ट्रीय गऊ रक्षक संघ किसान सभा द्वारा की जा रही है। जिससे मवेशियों को समय रहते बचाया जा सके।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सेप्टेंबर २०२१ में भी इस गौशाला के चालक सचिन महादेव चौधरी के खिलाफ शिकायत की गई थी तथा दैनिक नवभारत में खबर भी लगाई गई थी परंतु अब तक कोई कार्यवाई नही हुई ऐसा हकीम शेख अब्दुल सत्तार जी ने बताया है।
Previous Post Next Post