*IPL क्रिकेट के धूम-धड़ाके के बीच प्रशासन के पीठ पीछे शहर में चल रहा सट्टे का काला खेल..* *क्या ? सट्टा बाजारियों पर अंकुश लगा पाएंगे जिले के पुलिस अधीक्षक मा.मुमक्का सुदर्शन..*

◼️IPL क्रिकेट के धूम-धड़ाके के बीच प्रशासन के पीठ पीछे शहर में चल रहा सट्टे का काला खेल..

◼️क्या ? सट्टा बाजारियों पर अंकुश लगा पाएंगे जिले के पुलिस अधीक्षक मा.मुमक्का सुदर्शन..




चंद्रपुर :- विश्व का सबसे बड़ा लीग इंडियन प्रीमियर लीग आईपीएल शुरू है। आईपीएल के शुरू होते ही सट्‌टेबाज सक्रिय हो गए थे। हर रोज सटोरिए इस क्रिकेट के खेल में लाखों रुपए का दांव लगा रहे हैं।

टेक्नोलॉजी में लगातार हो रहे बदलाव को सट्टे के सौदागरों ने भी अपनाया है. सटोरियों ने अब ऑनलाइन सट्टा खिलाने का ट्रेंड भी काफी बदल लिया है. पहले ऑनलाइन सट्टा खिलाने के लिए सटोरियों को पूरा सेटअप करना पड़ता था. कई तरह की डिवाइस (उपकरण) लगाने पड़ते थे. लाइन जोड़ कर अलग-अलग लोगों को भाव बताने पड़ते थे. लेकिन अब सटोरिए ऑनलाइन बेटिंग एप के जरिए सट्टा खिला रहे हैं और पुलिस की नजरों से भी बचे हुए हैं।

*सटोरियों ने बदला ट्रेंड*

IPL मैच पर सट्टा खिलाने वाले सटोरियों ने अब अपना ट्रेंड काफी बदल लिया है. ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले सटोरिए अब शहर से बाहर किसी फार्म हाउस या फिर किसी नामी-गिरामी सोसाइटी में फ्लैट किराए से लेकर सट्टा खिलाते हैं. खुद के फ्लैट पर भी अपने दोस्तों और जान-पहचान के लोगों के साथ मिलकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जाता है. अब सट्टा खिलाने के लिए सटोरिए वेबसाइट और मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं।

*कैसे खिलाया जाता है सट्टा?*

ऑनलाइन वेबसाइट और एप के जरिए लोगों को सट्टा खिलाया जा रहा है. अलग-अलग वेबसाइट पर सट्टे के अलग-अलग रेट हैं. यदि कोई सट्टा खेलना चाहता है तो बुकी बाकायदा यूजर ID बनाते हैं और पासवर्ड क्रिएट करते हैं. सट्टे का तमाम हिसाब-किताब भी ऑनलाइन रहता है. यानी सटोरियों को अब रजिस्टर में हिसाब किताब लिखने की जरूरत नहीं होती है. ऑनलाइन सट्टे में राशि का जो लेनदेन किया जाता है, वह पूरी तरह से गैरकानूनी है. हवाला के जरिए करोड़ों रुपए की राशि एक शहर से दूसरे शहर तक जीतने वाले शख्स को पहुंचाई जाती है।

*पुलिस को ऐसे चकमा देते हैं सटोरिए*

ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले सटोरिए विभिन्न डिवाइस और उपकरणों का इस्तेमाल कर पुलिस को चकमा देने का प्रयास करते हैं. यही नहीं पुलिस सटोरियों की लोकेशन GPS के माध्यम से ट्रेस करने का प्रयास करे तो वह लोकेशन भी पुलिस को किसी अन्य स्थान की मिले।

*गैर जमानती धाराओं में होती है कार्रवाई *

सटोरियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस सटोरियों के गिरोह का पर्दाफाश करने के बाद उनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में सख्त कानूनी कार्रवाई करती है. अधिकतर मामलों में सटोरियों के खिलाफ जुआ अधिनियम के साथ ही IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाती है.सटोरियों के पास से जितने भी मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए जाते हैं, वह तमाम फर्जी ID पर खरीदे गए होते हैं. ऐसे में सटोरियों के खिलाफ IPC की धारा 420, 120-B, 467, 468 के साथ ही IT एक्ट की धारा 66-D लगाई जाती है. सटोरियों के खिलाफ पुलिस स्ट्रांग केस बनाकर कोर्ट में पेश करती है, जिससे सटोरियों को जल्द राहत नहीं मिल पाती है।
Previous Post Next Post